शिक्षा ही किसी भी मनुष्य को सही सोचने का विवेक प्रदान करती है। किसी भी देश के भविष्य के बारे में जानना हो तो
उस देश की शिक्षा का प्रतिशत जान लो, यह पता चल जाएगा कि वो देश कितना प्रगति करेगा। आज के समय में
सरकारी विद्यालयों का स्तर बहुत नीचे गिर गया है। कई विद्यालयों में जहा अध्यापकों की कमी है कही पढ़ाने के लिए
कमरे ही उपलब्ध नहीं है। पर कुछ सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं जहां उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है और यह शिक्षा
बिना किसी फीस के दी जाती है | जो कि आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के लिए संजीवनी है। इन विद्यालयों में कोई भी
बालक जो कि सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं वह एडमिशन ले सकते हैं चुकी विद्यालय राष्ट्रीय स्तर के होते हैं इस वजह से
इन विद्यालयों का पढ़ने का स्तर बहुत अच्छा होता है और यह विद्यालय केंद्र से संपादित किए जाते हैं इन विद्यालयों की
एक खास बात यह होती है कि जो भी बच्चे इन विद्यालयों में आते हैं सारे बच्चे सरकारी विद्यालयों के छात्र होते हैं कहने
का तात्पर्य यह है कि सभी विद्यार्थियों का स्तर एक ही होता है, यहां पर बच्चों को सारी सुविधाएं दी जाती है , बच्चों का
खाना रहना और खेलना कूदना सभी केंद्र द्वारा वहन किया जाता है| जहां आज आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की
प्रमुख समस्या खान-पान है, अर्थात उन्हें भरपूर पोषण नहीं मिल पाता है, जहां आजादी के बाद भारत की जीडीपी में 50%
का इजाफा हुआ है पर आज भी 33% बच्चे कुपोषण का शिकार है, जो कि सभी देशों में 100 स्थान रखता है | यह दर्शाता
है कि चाहे हम दूसरे क्षेत्र में कितने भी आगे बढ़ चुके हैं लेकिन जो हमारी मूल समस्या है वह जस की तस है. इन
विद्यालयों में मानसिक से लेकर बच्चों के शारीरिक विकास मैं बहुत ध्यान दिया जाता है, खेलों में जहां हर साल राष्ट्रीय
स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, इन प्रतियोगिताओं के स्तर का अनुमान लगा सकते हैं कि 2018 में 2 बच्चे
SGFI मैं चुने गए | SGFI एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है जो कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया के होनहार बच्चों
को खेलों में आगे बढ़ाने का काम करता है| इन विद्यालयों में हर साल कुछ बच्चों को दूसरे राज्यों में भेजा जाता है ताकि
उनके मानसिक स्तर का विकास हो सके यह बच्चे दूसरे राज्यों के बच्चों से मिलते हैं वार्तालाप करते हैं उससे उनके
मानसिक स्तर का विकास होता है, जो कि एक बहुत अच्छी बात है | नवोदय विद्यालय के छात्र राष्ट्रीय नहीं अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर भी अपना परचम लहरा रहे हैं जहां कुछ बच्चों का प्रवेश अंतरराष्ट्रीय महाविद्यालय में हुआ है जो कि एक गर्व की
बात है, इन विद्यालयों की स्तर का अनुमान है इस प्रकार लगा सकते हैं कि दीपक साहू ने 2021 में नीट की एग्जाम में
पहला स्थान प्राप्त किया है| इन विद्यालयों में हर साल एच एस एच पी स्कीम के द्वारा बच्चों को दूसरे देशों में जाने का
अनुभव प्राप्त होता है, यदि हम ओलंपियाड की बात करें तो यह कई बच्चों ने ओलंपियाड में मेडल प्राप्त किया है |
नवोदय विद्यालय से अभी तक 3 बच्चों ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्राप्त कर लिया है जो कि नवोदय विद्यालय के
लिए गर्व की बात है| नवोदय विद्यालय के लिए जितना भी कहा जाए उतना ही कम है क्योंकि सर्वप्रथम यह उन बच्चों को
आगे बढ़ने का मौका देते हैं जिनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है यहां उन बच्चों को यह टक्कर देते हैं जो कि
ट्यूशन लगाकर या किसी भी महंगी शिक्षण संस्था में प्रवेश लेकर अच्छे मार्क्स प्राप्त करते हैं , यह सीधा सीधा दर्शाता है
कि कोई भी बच्चा कमजोर नहीं होता यदि उसे सही प्रकार शिक्षा भरण पोषण दिया जाए तो वह छात्र उनके रुचिकर क्षेत्र
में प्रगति कर सकते हैं, अंत में मैं आप सभी को एक ही बात कहूंगा “विद्या एक कामधेनु के समान है जो हर मौसम में
अमृत प्रदान करती है वह विदेश में एक माता के समान है जो लक्षण एवं हितकारी होती है इसलिए विद्या को एक गुप्त धन
कहा गया है”